हिंदी का प्रथम नाटक ।हिंदी साहित्य का प्रथम नाटक। Hindi Sahitya Ka Pratham Natak

Admin
0

हिंदी साहित्य का प्रथम नाटक (Hindi Sahitya Ka Pratham Natak)

हिंदी का प्रथम नाटक ।हिंदी साहित्य का प्रथम नाटक। Hindi Sahitya Ka Pratham Natak



हिन्दी नाटक का इतिहास 

  • नाटक का बीजवपन वेदों में हो चुका था जिसके आधार पर नाटक को पांचवां वेद कहा जाता है। भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में घटना का उल्लेख किया गया है जिसके अनुसार देवताओं से प्रार्थना करने पर ब्रह्मा ने ऋग्वेद से पाठसामवेद से गानयजुर्वेद से अभिनय एवं अथर्ववेद से रस लेकर पांचवें वेद अर्थात् नाटक को जन्म दिया। शिव ने तांडव नृत्य तथा पार्वती ने लास्य प्रदान किया।

 

  • इससे स्पष्ट हो जाता है कि वेदों के बाद ही नाटक का आविर्भाव हुआ। उत्तर वैदिक युग से पूर्व नाटक का आगमन हो चुका था। 'यवनिकाके आधार पर नाटक को यूनान की देन कहा गया। वह भी सत्य नहीं क्योंकि शब्द यवनिका नहीं 'जवनिकाहै। जब वेग के अनुसारजवनिका वेग से उठने गिरने वाला पर्दा होता है। यूनानी नाटक में पर्दा नहीं होता थाअंक नहीं होते थे आदि. 

 

  • पाणिनि (ईसा 400 वर्ष पूर्व) ने नाटक का उल्लेख किया है। रामायणमहाभारत में नाटक का उल्लेख है। उपलब्ध नाटकों में सबसे प्राचीन महाकवि भास की रचनाएं हैं। कालिदासशुद्रकभवभूतिहर्षवर्द्धनभट्ट नारायण तथा विशाखदत्त आदि नाटककार थे। उसके बाद नाट्य कला विलुप्त सी हो गई।

 

हिंदी साहित्य का प्रथम नाटक

  • डॉ. दशरथ ओझा ने तेरहवीं शताब्दी से नाटक का आविर्भाव माना है। सर्वप्रथम उपलब्ध नाटक "गय सुकुमार रास" है जिसका रचनाकाल संवत 1289 वि है। इस की भाषा पर राजस्थानी हिंदी का प्रभाव है। नाटकीय तत्वों पर प्रकाश नहीं पड़ता है। इसलिए इसे प्रथम नाटक नहीं कहा जा सकता है।

 

  • महाकवि विद्यापति द्वारा रचित मैथिली नाटक 'गोरक्ष विजय को प्रथम नाटक कहा गया है। किंतु पद्य भाग मैथिली में है। मैथिली नाटकों के बाद रास नाटक अर्थात् ब्रजभाषा पद्य के नाटक आये। उसके पश्चात् हिंदी में पद्य वद्य नाटकों की रचना होती रही जिनमें प्रबोध चंद्रोयको प्रथम नाटक कुछ आलोचकों ने माना है। यशवंत सिंह को प्रथम नाटककार माना है। इसका रचनाकाल सं. 1700 वि है।


Also Read.......

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top